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PRITHvi VIgyan योजना क्या है?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'PRITHvi Vigyan' (पृथ्वी) योजना को स्वीकृति प्रदान की है। PRITHvi Vigyan योजना, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक व्यापक योजना है। यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के विभिन्न संस्थानों में एकीकृत बहु- विषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और अभिनव कार्यक्रमों को सक्षम बनाएगी। इस लेख में इस योजना को बारे में विस्तार से समझाया गया है। 

PRITHvi VIgyan


PRITHvi VIgyan योजना क्या है? - What is Prithvi Vigyan Scheme

  • PRITHvi Vigyan योजना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक व्यापक योजना है। 
  • यह योजना वर्ष 2021-26 की अवधि के दौरान 4,797 करोड़ रुपए की कुल लागत के साथ लागू की जाएगी। 
  • इसका उद्देश्य भारत में पृथ्वी प्रणाली अनुसंधान को एकीकृत करना है।
  • यह पृथ्वी प्रणाली के सभी पांच घटकों को समग्र रूप से संबोधित करेगी: जिसमें वायुमंडल,जलमंडल, स्थलमंडल, हिममंडल, जैवमंडल और उनकी जटिल सहभागिता शामिल है।
  • योजना के घटक एक दूसरे पर निर्भर है, जो एकीकृत रूप से क्रियान्वित किये जाते हैं।


पृथ्वी विज्ञान योजना के उद्देश्य 

  • पर्यावरणीय परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों की निगरानी हेतु दीर्घकालिक पृथ्वी प्रणाली अवलोकन को बनाए रखना। 
  • मौसम, महासागर और जलवायु संकट को समझने और भविष्यवाणी करने के लिये मॉडलिंग सिस्टम विकसित करना।
  • नवीन परिघटनाओं और संसाधनों की खोज के लिये पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्रों का अन्वेषण करना।
  • सामाजिक अनुप्रयोगों हेतु समुद्री संसाधनों की खोज और सतत दोहन के लिये प्रौद्योगिकी विकसित करना। 
  • भू- प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के लिये आवश्यक सेवाओं में परिवर्तित करना।


पृथ्वी के अंतर्गत उप-योजनाएँ 

1. एटमाॅस्फेयर एंड क्लाइमेट रिसर्च-माॅडलिंग आर्ब्जविग सिस्टम एंड सर्विसेज (Atmosphere & Climate Research-Modelling Observing System & Services-ACROSS)

  • इसमें पोलारिमेट्रिक डाॅपलर (Polarimetric Doppler) मौसम रडार का नियंत्रण, पूर्वानुमान प्रणाली उन्नयन (Forecast System Upgradation), वायुमंडलीय अवलोकन नेटवर्क (Atmospheric Observations  Network), मौसम एवं जलवायु की संख्यात्मक माॅडलिंग और मानसून पैटर्न का अध्ययन शामिल हैं।
  • यह योजना IMD और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) द्वारा अन्य संस्थानों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी। 

2. महासागरीय सेवाएं, माॅडलिग, अनुप्रयोग संसाधन और प्रौद्योगिकी (O-SMART)' योजना 

  • इसका उद्देश्य समुद्री अनुसंधान को बढ़ाना, प्रारम्भिक चेतावनी मौसम प्रणाली स्थापित करना, समुद्री जल प्रदूषण अध्ययन करना और बेलास्ट जल उपचार सुविधा का विकास आदि करना है।

3. ध्रुवीय विज्ञान और क्रायोस्फीयर अनुसंधान (PACER) 

  • इसमें अंटार्कटिका में तृतीय अनुसंधान आधार का निर्माण, आर्कटिक का निर्माण और दक्षिणी महासागर अभियान में वैज्ञानिक प्रयास शामिल हैं। 
  • यह योजना राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान (NCPOR) के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी। 

4. भूकंप विज्ञान और भूविज्ञान (SAGE) 

  • इसमें कोयना इंट्राप्लेट भूकंपीय और भूगतिकीय निगरानी, गहरे समुद्र के अवलोकन और वैज्ञानिक डीप ड्रिलिंग की निगरानी शामिल हैं। 

5. अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और आउटरीच (REACHOUT)

  • इसमें भू- प्रणाली विज्ञान, मौसम एवं जलवायु हेतु बिम्सटेक केंद्र और समुद्र विज्ञान के परिचालन के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र में अनुसंधान और विकास शामिल हैं।


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