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मसाई जनजाति: निवास क्षेत्र, सामाजिक जीवन और अर्थव्यवस्था | Masai Janjati

दोस्तों, आज के इस लेख में हम बात करने वाले है Masai Janjati के बारे में। Masai Janjati अफ्रीका की एक प्रमुख जनजाति है। इस लेख में हम आपको Masai Janjati के निवास स्थान, इनके समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 

Masai Janjati
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Table Of Content:


पूर्वी अफ़्रीका की Masai Janjati - Masai Tribe In Hindi 

मसाई जनजाति पूर्वी अफ्रीका की एक पशुचारक जनजाति है। पूर्वी अफ़्रीका की अन्य जनजातियों के विपरीत, मसाई जनजाति अर्ध-खानाबदोश और देहाती है। इन्हें पूर्वी अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ और अत्यंत विशिष्ट चौपायापालक माना जाता है। 


मसाई जनजाति का निवास क्षेत्र - Masai Janjati Habitat

मसाई जनजाति पूर्व अफ्रीका के उत्तरी भाग के आंतरिक पठार, कीनिया, तंजानिया और पूर्वी युगांडा में निवास करती हैं। भूमध्य रेखीय पठार पर मसाई लोगों का निवास क्षेत्र है। इनके निवास क्षेत्र का विस्तार उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तार 800 किलोमीटर और पश्चिम से पूर्व की ओर 550 किलोमीटर तक है। 

लंबे और उच्च प्रदेश में उत्तर से दक्षिण की ओर महान दरार घाटी (Great Rift Valley) है जिसका विस्तार उत्तर में जॉर्डन (मृत सागर) से दक्षिण में न्यासा झील तक है। मसाई जनजाति के निवास क्षेत्र में किलिमंजारो, मेरू और माउंट कीनिया मुख्य ज्वालामुखी पर्वत है।


मसाई प्रदेश की भौगोलिक दशाएं 

मसाई प्रदेशों की ऊंचाई काफी अधिक होने के कारण यहां की जलवायु, इस भाग के पश्चिम में स्थित तटीय भूमि, निचली घाटियों और कांगो बेसिन के मैदानी भागों की जलवायु की अपेक्षाकृत अधिक ठंडी और मध्यम है। यद्यपि मसाई निवास क्षेत्र विषुवतरेखीय प्रदेश में स्थित है किंतु अधिक ऊंचाई के कारण यहाँ का तापमान 14℃ के आसपास रहता है। यहां दिनभर सूर्य का प्रकाश रहता है और रात्रि ठंडी होती है।   

मसाई प्रदेश में वर्षा के वार्षिक औसत में बहुत कम अंतर पाया जाता है। वर्षा संवाहनिक प्रकार की होती है तथा कभी भी यह औसत 100 सेमी से अधिक नहीं होती हैं। कम ऊंचाई वाले भागों में वर्षा 75 सेमी तक होती हैं। अधिकतम वर्षा अप्रैल और मई के महीने में होती हैं।

मसाई लोग शुष्क मौसम में ऊंचे चरागाहों की ओर जाते हैं और वर्षा ऋतु में नीचे के चरागाहों में उतर आते हैं।


मसाई जनजाति की नृजातीय विशेषताएं 

  • मसाई जनजाति भूमध्यसागरीय और नीग्रीटो जनजाति का मिश्रण मानी जाती है। 
  • मसाई लोग लंबे होते हैं और इनकी चमड़ी का रंग हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग का होता है।
  • इनका सिर ऊंचा और संकड़ा होता है।
  • चेहरा पतला और नाक पतली होती है।
  • पुरुषों के चेहरे पर बाल कम होते हैं किंतु सिर पर लंबे और कम घुंघराले बाल होते हैं।


मसाई जनजाति की अर्थव्यवस्था - Masai Tribe's Economy 

मसाई जनजाति की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार पशु है। ये इनके दूध और रक्त को भोजन के रूप में और वधू मूल्य के रूप में प्रयोग करते हैं। मसाई लोग बहुत संख्या में भेड़, गधे और बकरी पालते हैं। मसाई जाति में पशुचारण एक आर्थिक क्रिया से कहीं अधिक है। यह सांस्कृतिक कार्यकलाप हैं। 

पशु केवल इसलिए ही नहीं पाले जाते कि इन्हें बेचा जा सके अथवा इनका उपयोग किया जा सके बल्कि धार्मिक-अनुष्ठान तथा जादू-टोने के उत्सव पर इनकी बलि दी जाने के लिए भी पशुओं का पालन किया जाता है। पारंपरिक मसाई जीवन शैली में भोजन जमा करना सबसे प्रमुख है। ये लोग अपनी सारी बुनियादी जरूरतों को जैसे कि - भोजन, कपड़े आदि के लिए अपने पशुओं पर ही निर्भर रहते है। 

पशु चारण के अतिरिक्त मसाई जनजाति का दूसरा मुख्य व्यवसाय 'युद्ध' है। 


भोजन और वस्त्र 

मसाई जाति का मुख्य भोजन पशुओं से प्राप्त होता है। ये लोग दूध को ताजा अथवा उसे खट्टा करके उपयोग में लेते है। इनके भोजन में रक्त तथा मांस की प्रधानता अधिक होती है मांस भेड़ और बकरी से प्राप्त किया जाता है। रक्त बैलों से प्राप्त किया जाता हैं।

ज्वार, बाजरा और मक्का मसाई जाति का मुख्य खाद्यान्न है। जड़ वाली फसलें और केला पुरुषों द्वारा तुच्छ माने जाते हैं किंतु स्त्रियों और बच्चे द्वारा खाए जाते हैं। 

खाद्यान्न और वानस्पतिक भोज्य पदार्थों, पशुओं की खाल तथा पशुओं के बदले घुमक्कड़ नीग्रो व्यापारियों से प्राप्त किए जाते है।

ये लोग इन खाद्यान्नों और वानस्पतिक भोज्य पदार्थों को उबालकर दूध व मक्खन के साथ मिलाकर खाते है। अनेक प्रकार के जंगली पशुओं और पक्षियों का भी ये शिकार करते हैं। ये लोग जंगली शहद को ताजा ही खाना पसंद करते हैं और उससे शराब बनाकर भी पीते हैं, जो इनका प्रिय पेय पदार्थ है।


वस्त्र

मसाई लोगों के वस्त्र साधारण होते हैं तथा इन लोगों के कपड़े चमड़े से बने होते है। चमड़े की एक तिकोनी पट्टी कूल्हे पर पहनी जाती है, जिससे की बैठते समय कांटों से बचा जा सके। मसाई जनजाति के सभी लोग सांड की खाल से बनी सैंडल पहनते हैं। इसके अतिरिक्त इनका सारा शरीर निर्वस्त्र रहता है, मसाई स्त्रियां भेड़ की खाल से बनी एप्रन पहनती है।


मसाई जनजाति का सामाजिक जीवन - Masai Janjati Social Life 

  1. मसाई जनजाति में व्यक्ति की अपेक्षा समुदाय अधिक महत्वपूर्ण होता है। 
  2. यह एक पितृसत्तात्मक समूह होता है। 
  3. मसाई जनजाति में बहिर्विवाह प्रचलित है।
  4. मसाई समाज में लड़का-लड़की का विवाह शिशु होने पर या पैदा होने से पहले ही तय कर दिया जाता है, लेकिन विवाह 20 वर्ष की आयु पार करने के बाद ही होता है।
  5. मसाई समाज में एक प्रौढ़ व्यक्ति उसकी पत्नी तथा विवाहित पुत्रों को मिलाकर एक परिवार की रचना होती है और इनका अपनी बीस झोपड़ियों का एक क्राल होता है। प्रत्येक स्त्री की अपनी झोपड़ी होती है, जिसका निर्माण और उसकी मरम्मत भी वह स्वयं ही करती हैं। 
  6. प्रत्येक मसाई परिवार का एक लोहार होता है जो मसाई परिवार के लिए शस्त्र बनाता है। लोहार को यहां दुष्ट व्यक्ति माना जाता है क्योंकि जो हथियार बनाते है वे रक्त बहाते हैं।
  7. मसाई समाज के युवकों का युद्ध समूह में बांटा जाना एक विशिष्ट विशिष्टता है, जो निवृत हो रहे योद्धाओं का स्थान लेते हैं, इसे आयु समूह की व्यवस्था के नाम से जाना जाता है।
  8. मसाई समाज के प्रत्येक पुरुष को तीन अवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ता है - लड़का, योद्धा और प्रौढ़
  9. मसाई समाज के योद्धा का उद्देश्य उनके पवित्र पशुओं की सुरक्षा और चरागाहों की सीमा में विस्तार करना होता है।
  10. मसाई जनजाति में बलात्कार, प्रलोभन तथा व्यभिचार, मानव हत्या और किसी को क्षति पहुंचाने और चोरी आदि के लिए सुनिश्चित दंड और सजा का प्रावधान है। न्याय का प्रबंध, गोत्र और जाति के मुखिया तथा वरिष्ठ व्यक्तियों के हाथों में रहता है।
  11.  मसाई लोगों में एक धार्मिक नेता होता है, जिसे लैबान कह जाता है। इस धार्मिक नेता की शासकीय शक्तियां कम होती है, किंतु इसे आदर अधिक दिया जाता है। लैबान का पद वंशानुगत होता है, जो पिता से पुत्र को मिलता है।


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